यहां मैं अपने उन पाठकों को कुछ पते की बात बताना चाहता हूँ जो शादीशुदा हैं और अपनी पत्नी के साथ मिल कर जिंदगी में सेक्स का कुछ और ज्यादा मजा लेन ा चाहते हैं। ज्यादा मजा से मेरा मतलब है, अपनी पत्नी को किसी गैर मर्द से चुदवाना, खुद किसी गैर औरत को चोदना, प त्नियों की अदलाबदली इत्यादि। यह चुदाई में ज्यादा मजे लेने की जो सनक है वह दो धारी तलवार है। वह आपको बेशक उन्मादक आनंद का अतिरेक देती है, पर अगर इसे सम्हाल कर अमलीजामा ना पहनाया जाए तो जि ंदगी में कुछ बड़ी दिक्कतें भी पैदा कर सकती हैं। वैसे तो इसको कैसे अमलीजामा पहनाना यह हरेक कपल की व्यक्तिगत मानसिक समझदारी, एक दूसरे पर दृढ वि श्वास, सहनशीलता और परिपक्वता पर आधारित है, परन् तु मेरा यह सुझाव है की इसको अमलीजामा पहनाने के प हले चाहिए की दोनों जीवन साथी इसके लिए मानसिक रू प से तैयार हों और एक दूसरे से इर्षा या ईगो की टक्कर ना हो। ख़ास कर पत्नियां इसके लिए तैयार ना होने का स्व ाँग करतीं हैं या वाकई में तयार नहीं होतीं। इसका मुख्य करण यह होता है की पत्नियों को यह भय होता है की कहीं भविष्य में जब कभी पति और पत्नी का कभी किसी भी विषय पर आमनासामना हुआ तो पति पत्नी को बदनाम कर सकता है, इल्जाम लगा सकता है। पति को चाहिए की पत्नी को यह विश्वास दिलाये की ऐ सा कभी नहीं होगा। पत्नी में अगर यह विश्वास पैदा हो गया तो समझो बे ड़ा पार। उसके बाद तो पत्नियां कई बार पतियों से भी आगे नि कल जाती हैं।मेरी निचे लिखी हुई पंक्तियों को ध्यान से पढ़ि ए। यह जिंदगी की सच्चाई है।जिंदगी प्यार की दो चार घडी होती है।चाहे थोड़ी भी हो यह उम्र बड़ी होती है।पुरे जीवन में ही दस बारह घडी मिलतीं हैं,चार बचपन में पढ़ाई में गुजर जातीं हैं।बुढ़ापे की दो खोएंगी बिमारी में घडी,बची छह घड़ियाँ गृहस्थी बलि चढ़ जातीं है।बची पलों से चुदाई की दो घड़ियाँ छीन लो,जब यह जवानी तुम्हारे सर पे चढ़ी होती है।जिंदगी प्यार की दो चार घडी होती है।चाहे थोड़ी भी हो यह उम्र बड़ी होती है।चाहे वह पडोसी हो यादोस्त या परायी हो,तुम पटाकर उसे मनाओ के चुदाई हो।प्यार से पेलो ऐस चूत भी चाहे सूज जाए,चुदाई ऐसी हो की उसको नानी याद आये।जो तगड़ी चुदी बुढ़ापे में भी हंसती है सदा,नहीं चुदवाया वह पछताती और रोती है।जिंदगी प्यार की दो चार घडी होती है।चाहे थोड़ी भी हो यह उम्र बड़ी होती है।ऊपर लिखी हुई जो छोटी सी कविता है उन पंक्तियों म ें मैंने जीवन में जवानी को जो दो चार घड़ियाँ मि लतीं हैं उन्हें प्यार से चुदाई क र बिताने का जो आ नंद है वह एक दूसरे से मेल मिलाप कर सांझा करने का सुझाव दिया है। जिंदगी में थोडी सी नवीनता एवं उत्तेजना लाने क े लिए हो सके तो किसी प्यारे रिश्तेदार से, किसी आक र्षक दोस्त से, ऑफिस के साथीदार से या फिर किसी दो स्त के पति या पत्नी से या किसी चंद घंटों की पहचा न वाले आकर्षक युवक या मोहतरमा से प्यार भरी चुदाई करने या करवाने की कोशीश करो। यह बत हमें नहीं भूलनी चाहिए की वक्त बीतते और उ म्र बढ़ते चुदाई की इच्छा क्षीण होती जाती है। उम्र बढ़ने के साथ साथ चुदाई के मौके भी कम होते जाते हैं। बाद में जब हम उम्र दराज हो जाते हैं और युवाओं क ो मस्तीसे चुदाई करते हुए देखते हैं तो हमें यह ़स ोस खा जाता है की ज वक्त था, मौक़ा था तब हमने चु Jeste li to učinili. पर यह ध्यान रहे की उसके कारण जीवन में कड़वाहट न ा हो बल्कि मिठास हो। एक दूसरे से समझौता कर प्यार से इर्षा और कड़वाह ट बिना चुदाई करो और करवाओ। जीवन में जोशीली जवानी ज्यादा देर नहीं टिकती। बादमें गृहस्थी की चिंता और बुढ़ापे की बिमारी और कमजोरी आपको छोड़ती कहाँ है?यह तो हम जानते ही हैं की हमारी महिलाओं को अगर क ोई गोपनीय वस्तु, ख़ास करके उनकी जान पहचान वालों में अवैध विजातीय सम्बन्ध कहीं पनप रहा है इसकी ग ंध भी आ जाये तो उनकी जिज्ञासा और उत्सुकता का लेव ल एकदम बढ़ जाता है। सुषमा यह जानने के लिए बड़ी ही बेसब्र और बेताब थ ी की पति संजू जब फर्टाइल थे ही नहीं तो फिर आखिर प त्नी अंजू ने अपने बच्चे को जनम दिया तो दिया कैस े. क्या उसने आई. Želite li se prijaviti, želite li se prijaviti.